तेजाब- 1
तेजाब के हाथ पाँव बड़े
ही लम्बे और सबल हो गए हैं
यूँ कहें तो काल से भी लम्बे
गली-गली सड़क-सड़क
जमीं-पानी छत-चौबारे
आँखें गड़ाए रहता है हरपल
कब कोई हुस्न से लथपथ
परी मिले
झट दबोच लें बाहों में
आखिर उसकी क्या मजाल जो
ना-नुकूर कर सके
और अगर कर भी दे तो
जिह्वा का एक बूँद
ही काफी है
बरसों से जमीं गन्दगी
झट से साफ कर देता है
फिर तो उसका
चूर-चूर होता घमण्ड...
पूछो ही मत
गर्व से गुर्राते हुस्न की
ऐसी की तैसी
पिघलते देर न लगेगी
सबक सीख लेगी
फिर किसी को ना तो क्या
हाँ भी कहने
की हिम्मत न रहेगी
सारा घमण्ड चूर-चूर हो जाएगा
जब हुस्न रह-रहकर बर्रायेगा
किसकी मजाल जो
कर पाये मुकाबला
बच कर रहना
आखिर हर घर में पनपता
खेलता खिलखिलाता
और अचानक
रूप बदलता
तेजाब जो हूँ.
तेजाब के हाथ पाँव बड़े
ही लम्बे और सबल हो गए हैं
यूँ कहें तो काल से भी लम्बे
गली-गली सड़क-सड़क
जमीं-पानी छत-चौबारे
आँखें गड़ाए रहता है हरपल
कब कोई हुस्न से लथपथ
परी मिले
झट दबोच लें बाहों में
आखिर उसकी क्या मजाल जो
ना-नुकूर कर सके
और अगर कर भी दे तो
जिह्वा का एक बूँद
ही काफी है
बरसों से जमीं गन्दगी
झट से साफ कर देता है
फिर तो उसका
चूर-चूर होता घमण्ड...
पूछो ही मत
गर्व से गुर्राते हुस्न की
ऐसी की तैसी
पिघलते देर न लगेगी
सबक सीख लेगी
फिर किसी को ना तो क्या
हाँ भी कहने
की हिम्मत न रहेगी
सारा घमण्ड चूर-चूर हो जाएगा
जब हुस्न रह-रहकर बर्रायेगा
किसकी मजाल जो
कर पाये मुकाबला
बच कर रहना
आखिर हर घर में पनपता
खेलता खिलखिलाता
और अचानक
रूप बदलता
तेजाब जो हूँ.
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