रिश्तों का गणित
रिश्तों का गणित 'प' से शुरू होता है
पिता, पति, पुत्र, परमेश्वर,
परमात्मा और पहरेदार
इनके गणित का फल बड़ा ही
विचित्र होता है
प-प (पिता-पति) = प (पति)
प+प (पति+पत्नी) = प (पुत्र)
पxप (पतिxपुत्र) प (पहरेदार)
प%प (पति%पुत्र) प (परमेश्वर-परमात्मा)
प से शुरू और प पर ख़तम
इन्हीं रिश्तों की सीपी में बंद
हो जाता है देह विदेह
जीवन इन्हीं रिश्तों के इर्द-गिर्द घुमता हुआ
ढूंढ़ता है अपनी पसंद, परम-आत्मा और प्रेम
निहारता है जीवन की कलई में
रिश्तों के प्रलेख
और चाहता है प्रकाश
क्या इनसे भिन्न भी होता है कोई प्रलाप
जिस पर चलकर मिले प्रगति
और मन हो जाये प्रसन्न
इन सबसे वंचित होकर अथवा पाकर
मिले परम-आनंद
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