गुरु-वन्दना
अंधेरों में रौशनी, चांदनी की शीतलता,
तूफानों में भी मन की शांति चाहते हैं.
बरसात होती रहे कृपा और ज्ञान की,
गुरु के चरणों में ऐसा ठौर चाहते हैं.
कंटकाकीर्ण राहों से कांटे आप खुद ना हटाएं,
कांटे हटाते हैं कैसे.. आप हमको सिखाएं,
हम ऐसा पथप्रदर्शक चाहते हैं.
आपकी चरण-रेनू सहृदय लेकर चलें हम,
सफलता का ऐसा पुनर्जनम चाहते हैं.
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