अस्तित्व
क्या तुम मुझे रोटी पर लगे पैथन समझते हो?
जब चाहा मेरे नाम की मुहर लगा
खुद अच्छे बन गए !
शायद, तुम्हें नहीं पता
जब लोई पैथन में लपेटकर
बेली जाती है
तब सबसे अधिक दर्द
पैथन को ही होती है
जो बेलन से गींज दी जाती है
फिर वह झड़कर
चौकी के चारो ओर
बिखर जाती है
और तुम्हें तुम्हारा अस्तित्व दे जाती है.
शायद, तुम्हें नहीं पता
जब पैथन झड़ने से बच जाती है
वह तवे पर रोटी से पहले
जलती है.
और तुम्हें जलाने से बचाती है.
शायद, तुम्हें नहीं पता
रोटी से पेट भर जाता है
लेकिन पैथन
बूहार कर फेंक दी जाती है.
सच सच बताना...
क्या तुम मुझे.... पैथन ही समझते हो?