गुरुवार, 29 जुलाई 2010

Hamne Sochaa ki...

      हमने सोचा कि...

सोचा की तुम्हें भूल जायेंगे हम,
तुम चाहो तो भी न पास आयेंगे हम.

जितना सताया है तुमने हमें,
उतना ही तुम्हें भी सतायेंगे हम.

मगर ये पागल दिल है यारों,
तुम्हें तड़पाकर खुद तड़प जाएँ हम.

सोचा की इस बार बात करलें,
अगली बार रूठ जायेंगे हम.

गर दिल नहीं है दिल में तुम्हारे,
रेत से पानी निचोड़ लायेंगे हम.

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